Saturday, August 29, 2009

Ab Ke Hum Bichhray To Shayad

Ab Ke Hum Bichhray To Shayad Kabhi Khwabon Mein Milen
Jis Tarah Sookhay Hue Phool Kitabon Mein Milen

Dhoond Ujray Hue Logon Mein Wafa K Moti
Ye Khazanay Tujhe Mumkin Hai Kharabon Mein Milen

Gham-E-Duniya Bhi Gham-E-Yaar Mein Shaamil Kar Lo
Nasha Barhta Hai Shar?ben Jo Shar?bon Mein Milen

Tu Khuda Hai Na Mera Ishq Farishton Jaisa
Dono Insaan Hain To Kyun Itnay Hijaabon Mein Milen

Aaj Hum Daar Pe Khenchay Gaye Jin Baaton Par
Kya Ajab, Kal Vo Zamaanay Ko Nisaabon Mein Milen

Ab Na Vo Main Hun, Na Tu Hai, Na Vo Maazi Hai Faraz
Jaise Do Shakhs Tamanna K Saraabon Mein Milen

Saturday, August 22, 2009

आज की दुनिया

कि एक दिन राह में मैंने कहीं एक लाश थी देखी ,
लगा मुझको कहीं पर मैंने इसकी शक्ल है देखी ,
कि देखा ध्यान से उसको तो मेरी अक्ल चकराई ,
पड़ा जो राह में वो तो ख़ुद मैं ही हूँ भाई ,
न जाने कब कहा कैसे किधर को चल बसा था मैं ,
कई लोगों के बीच देखो आज आ के फंसा था मैं ,
कि मुझको देख कर सब लोग कुछ तो थे बोले ,
कई ने कुछ तो कई ने मेरे सारे राज थे खोले ,
कि मुझको देख कर एक यार बुक्के फाड़ के रोया ,
मैं समझा कि चलो ये ही मेरा एक यार है गोया ,
मगर वो था फरेबी दुष्ट और था महा पापी ,
वो बोला देख कर मुझको कि कुछ दिन बाद मर जाते ,
जो पैसे कल ही ले गए थे वो तो कुछ खर्च कर जाते ,
जो भी कर्जा लिया था तूने वो तुझको माफ़ करता हूँ ,
ये घड़ी , अंगूठी और चेन लेकर मैं हिसाब साफ़ करता हूँ ,
कि देख कर जेबों के पैसों को मेरे एक यार ये बोले ,
कि हाय छोड़ कर वादा अधूरा मर गया भोले ,
कि इन पैसों से आज तुझे मेरा वादा निभाना था ,
पहले सनीमा फ़िर कलब फ़िर बार जाना था ,
कि चल तेरी खातिर मैं तेरा वादा निभाऊंगा ,
कि तेरे नाम की दारु भी मैं ख़ुद ही चढाऊंगा ,
कि ये कह कर उन्होंने जेबों के सारे पैसे थे मारे ,
हम तो बस ये ही सोंचा किए क्या येही दोस्त थे सारे ,
"अभि" देखो जहाँ में आज तो बस ये ही ये अब है ,
नही इन्सान की कीमत यहाँ तो लाश ही सब है ।

तजुर्बा

मै उठूं तो रंग लायें चर्चाओ के सिलसिले,
लोग इतना कहे आदमी अच्छा न था !
लोग इस अंदाज में देते है दुनिया कि मिसाल,
मै तो जैसे तजुरबो के दौर से गुजरा न था !