देख डसती है मुझे फ़िर आज ये तनहाइयाँ ,
हो चुकी है आज तक मेरी बहुत रुस्वाइयां ।
...............................................................
साथ तेरा छोड़ा है कि जा तुझे खुशियाँ मिलें ,
दूर ही मुझसे सही पर तुझको नई दुनिया मिलें ।
................................................................
मेरी इस दुनिया में सिवा विरानगी के कुछ नही ,
तेरी दुनिया में कहीं कुछ फूल खुशियों के खिले ।
................................................................
बेवफा समझे मुझे तू यार इसका गम नही ,
तेरी खुशियाँ ऐ सनम मेरे लिए कुछ कम नहीं ॥
................................................................
Tuesday, April 7, 2009
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
"बेवफा समझे मुझे तू यार इसका गम नही ,
ReplyDeleteतेरी खुशियाँ ऐ सनम मेरे लिए कुछ कम नहीं ॥"
waah.. kya baat hai!!
Ishq aur dard dono bharpoor hai apki rachna mein...