दिल में तेरा ख्याल बसाये हुए हैं हम,
सीने में एक चोट सी खाए हुए हैं हम ,
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शिकवा करें जमीं से या आस्मान् से ,
किससे कहें की तेरे सताए हुए हैं हम ,
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तुझको गए हुए भी बहुत दिन गुजर गए ,
अब तक तुझे सीने से लगाये हुए हुए हम,
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चाहा तो बहुत की तुझको खुशी से विदा करें ,
पर बहना आँखों से आंसुओं का न रोक पाए हम ,
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जाना तेरा गमों की हद थी हमारे लिए ,
पर तेरी खुशी के लिए मुस्कुराते रहे हैं हम ,
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बहुत प्यारी थी तेरी हर एक अदा हमारे लिए ,
पर अफ़सोस तुझे जी भर के न देख पाए हम ,
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सीने में एक चोट सी खाए हुए हैं हम ...................................................
Wednesday, January 28, 2009
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कोई बात नहीं तसल्ली रखिए . भली करेंगे राम !
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