देखा जब भी मैंने जिंदगी को ध्यान से ,
ना बचा कुछ भी जिंदगी में ईमान से ,
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डरता हूँ देख हर तरफ़ चेहरे ये अजनबी ,
लगता है जैसे ना था कोई अपना कभी ,
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हो गए हैं कठीन कितने जिंदगी के रास्ते ,
बिकने लगा है प्यार भी जिंदगी के वास्ते ,
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शुरू किया था जब ये सफर ऐ जिंदगी ,
मालूम ना था आएगा एक ये मकाम भी ,
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जाना पड़ेगा छोड़कर उन सबको तनहा यार ,
किया था जिंदगी में कभी जिन्हें बहुत प्यार ,
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जब तक चल सके हम ये वादा निभाएंगे ,
छोडके तन्हाई में हम उनको ना जायेंगे ........
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Saturday, February 7, 2009
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