कर के वफ़ा तुझसे - मैं पछता रहा हूँ ,
नही जीने की चाहत पर जिए जा रहा हूँ।
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क्यों तूने किया रुसवा - क्यों बीच राह छोड़ा,
जिंदगी के इस सफर में अकेले चल रहा हूँ ।
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छोड़ा जो हाथ तूने - न किसी ने हाथ पकड़ा ,
खुशियों की महफिलों में मैं तनहा ही रह रहा हूँ ।
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दुआ है ये खुदा से - न कभी तू चैन पाए ,
छोड़ के तेरी दुनिया मैं तो चला ही जा रहा हूँ।
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