यार तन्हाई से डरोगे तो मर जाओगे ,
प्यार इस दुनिया मैं कहीं न पाओगे ।
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भागोगे कितना दूर तुम इस तन्हाई से ,
ऊब जाओगे इस दुनिया की बेवफाई से ।
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कर लो इससे यारी ये वफ़ा दिखायेगी ,
हर वक्त हर कहीं ये साथ निभाएगी ।
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जब कभी गम और परेशानियाँ घेरेंगी तुम्हें ,
रख के सर तेरा अपनी गोद में प्यार से सहलाएगी ।
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जब कभी चाहो इसे आवाज देकर देखना ,
ये कभी माँ कभी बहन तो कभी प्रेमिका बन आएगी ।
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वफ़ा होती है क्या न इससे ज्यादा कोई बताएगा ,
जायेगी साथ तेरे अगर उस जहाँ में "अभी" तू जाएगा ॥
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Friday, February 13, 2009
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